केरला मसाज़ क्या है?
केरला मसाज़ एक प्रकार का आयुर्वेदिक मसाज़ है जो कि भारत की आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली से जुड़ा हुआ है। इस मसाज़ का मुख्य उद्देश्य शरीर के तंतु मर्मों को प्राप्त स्थिति में लाने, मांसपेशियों को शांत करने, मानसिक और शारीरिक संतुलन को सुधारने, तंतु-तंत्रिका प्रणाली को उत्तेजना देने आदि के लिए होता है।
केरला मसाज़ का एक महत्वपूर्ण फीचर यह है कि यह मसाज़ विशिष्ट और धैर्यपूर्ण स्वरूप से किया जाता है। इसमें तेलों का प्रयोग होता है, जो कि आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर होते हैं और विभिन्न तंतु मर्मों को स्तिमुलेट करने में मदद करते हैं। यह मसाज़ अक्सर धन्वंतरि अवस्था के विभिन्न विधियों का संयोजन होता है, जिनमें स्वेदन, दही पिंड स्वेद, और खेर स्वेद शामिल हो सकते हैं।
केरला मसाज़ के अनुयायियों का मानना है कि यह मसाज़ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने, तनाव को कम करने, शारीरिक थकान को दूर करने, और प्राकृतिक रूप से प्रणालीगत संतुलन को साधारण करने में मदद कर सकता है।
केरला मसाज की तकनीक
केरला मसाज एक पारंपरिक मसाज तकनीक है जो कलरिपयट्टु, एक प्राचीन भारतीय युद्ध कला, से उत्पन्न होती है। इसमें विशिष्ट मसाज स्ट्रोक्स और तकनीकों को मिलाकर आराम, लचीलापन, और समग्र कल्याण को बढ़ावा दिया जाता है। यहाँ कलरी मसाज की तकनीक की एक अवलोकन दिया गया है:
- तैयारी: मसाज के प्राप्तकर्ता आमतौर पर एक चटाई या सुखद सतह पर लेटते हैं। प्रैक्टिशनर एक ध्यानात्मक मानसिक स्थिति में शुरू करते हैं, सकारात्मक ऊर्जा और इरादे पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
- वार्म-अप: शरीर को मसाज के लिए तैयार करने के लिए, प्रैक्टिशनर आमतौर पर हलके आवेग और खून की संचारण को बढ़ाने के लिए हलके व्यायाम और गतिविधियों का प्रदर्शन कर सकते हैं।
- जड़ी-बूटी तेलों का उपयोग: कलरी मसाज के दौरान पारंपरिक आयुर्वेदिक तेलों का उपयोग आमतौर पर होता है जिनमें जड़ी-बूटियां शामिल होती हैं। ये तेल प्राप्तकर्ता के शरीर के प्रकृति और आवश्यकताओं के आधार पर चयन किए जाते हैं। प्रैक्टिशनर इन तेलों को पूरे शरीर पर लगाते हैं, जिससे जड़ी-बूटियां त्वचा में प्रवेश करती हैं और औषधीय लाभ प्रदान करती हैं।
- विशिष्ट स्ट्रोक्स और तकनीकें: मसाज में तेज़ स्ट्रोक्स, लहराती हुई गतिविधियाँ, और विशिष्ट बिंदुओं और ऊर्जा चैनलों पर दबाव की मिलान-जुलन का संयोजन शामिल होता है। प्रैक्टिशनर हाथ, उंगलियाँ, हथेलियाँ, कोहनियाँ, और कभी-कभी पैर भी दबाव डालने के लिए उपयोग करते हैं। ये तकनीकें मांसपेशियों के तनाव को कम करने, लचीलापन को बेहतर बनाने, और ऊर्जा की प्रवाह को उत्तेजित करने का उद्देश्य रखती हैं।
- स्ट्रेचिंग और मानिपुलेशन: कलरी मसाज में आमतौर पर सक्रिय मानिपुलेशन और जोड़ों की मानिपुलेशन शामिल होती है जो गतिशीलता और लचीलापन में सुधार प्रोत्साहित करती है। ये तकनीकें संकूचन को दूर करने में मदद करती हैं और बेहतर गतिमान क्षेत्र को प्रोत्साहित करने में मदद करती हैं।
- ऊर्जा संतुलन: कलरी मसाज शरीर की महत्वपूर्ण ऊर्जाओं (दोष) और ऊर्जा मार्गों (नाडिस) के संतुलन के सिद्धांतों पर आधारित है। मसाज तकनीकों का उद्देश्य ऊर्जा की प्रवाह को पुनर्स्थापित करना है, समग्र समरसता और कल्याण को प्रोत्साहित करना।
- ध्यानित क्षेत्रें: मसाज विशेष चिंता क्षेत्रों, जैसे कि तनावित मांसपेशियाँ, जोड़ों, और किसी किस्म के शक्ति केंद्रों (चक्र) का लक्ष्य कर सकता है। प्रैक्टिशनर रूपांतरण की तकनीकों को व्यक्तिगत आवश्यकताओं के आधार पर अनुकूलित करते हैं।
- मसाज के बाद की देखभाल: मसाज के बाद, प्राप्तकर्ता से आवश्यकता होने पर आराम करने की सलाह दी जाती है और तेलों और तकनीकों को उनके औषधीय प्रभाव को जारी रखने की अनुमति दी जाती है। मसाज के बाद त्वचा में तेलों को विलीन होने में मदद के लिए गरम नहाने की सामान्य बात होती है।
केरला मसाज़ कैसे किया जाता है ?
केरला मसाज़ को विशेष तकनीकों का उपयोग करके किया जाता है जो कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकते हैं। यहां केरला मसाज़ की कुछ आम तकनीकों की व्याख्या की गई है:
- शिरोधारा (Shirodhara): इसमें तेल की धारा माथे की ऊपर से धीरे-धीरे गिराई जाती है, जिससे माथे की चक्रीवृत्ति को शांति मिलती है। यह मानसिक तनाव को कम करने में मदद कर सकता है।
- अभ्यंगम (Abhyangam): इसमें आयुर्वेदिक तेल का उपयोग करके सम्पूर्ण शरीर की मालिश की जाती है। यह शारीरिक थकान को दूर करने, मांसपेशियों को शांत करने, और शारीरिक संतुलन को सुधारने में मदद कर सकता है।
- पिंड स्वेद (Pinda Sweda): इसमें शरीर के विभिन्न हिस्सों पर तापीय गर्म द्रव्यों के पिण्डों का प्रयोग करके मालिश की जाती है। यह मांसपेशियों को राहत पहुंचाने, तंतु-तंत्रिका प्रणाली को उत्तेजित करने, और शारीरिक संतुलन को सुधारने में मदद कर सकता है।
- खेर स्वेद (Navara Kizhi): इसमें चावल के धान को आयुर्वेदिक तेल में भिगोकर पिंडों का निर्माण किया जाता है, और उन्हें शरीर पर दबाया जाता है। यह मांसपेशियों को शांति पहुंचाने, शरीर को ताजगी देने, और तंतु-तंत्रिका प्रणाली को सक्रिय करने में मदद कर सकता है।
- पिचु (Pizhichil): इसमें गरम तेल को सम्पूर्ण शरीर पर धाराओं के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह शारीरिक और मानसिक तनाव को कम करने, मांसपेशियों को शांत करने, और शारीरिक संतुलन को सुधारने में मदद कर सकता है।
केरला मसाज़ किसके लिए उपयोगी है?
केरला मसाज़ का उपयोग विभिन्न तरह की स्वास्थ्य स्थितियों में किया जा सकता है, लेकिन यह व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति, आवश्यकताओं, और चिकित्सक की सलाह के आधार पर किया जाना चाहिए। यहां कुछ स्थितियाँ दी गई हैं जिनमें केरला मसाज़ का उपयोग किया जा सकता है:
- तनाव और मानसिक चिंताएँ: केरला मसाज़ का नियमित अभ्यास करने से तनाव कम हो सकता है और मानसिक चिंताएँ कम हो सकती हैं।
- शारीरिक थकान और दर्द: यह मसाज़ मांसपेशियों को शांति पहुंचाने में मदद कर सकता है और शारीरिक थकान को कम करने में सहायक हो सकता है।
- सिरदर्द और माइग्रेन: केरला मसाज़ का शिरोधारा तकनीक सिरदर्द और माइग्रेन के लिए उपयोगी हो सकती है।
- नींद की समस्याएँ: यह मसाज़ नींद की समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है और अच्छी नींद को प्रोत्साहित कर सकता है।
- शारीरिक संतुलन की समस्याएँ: केरला मसाज़ का उपयोग शारीरिक संतुलन को सुधारने में किया जा सकता है, जैसे कि वजन प्रबंधन और तंतु-तंत्रिका प्रणाली की सामर्थ्य में सुधार के लिए।
- जोड़ों के दर्द और संबंधित समस्याएँ: कुछ विशेष तकनीकों का उपयोग करके केरला मसाज़ जोड़ों के दर्द और संबंधित समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है।
केरला मसाज़ के लिए कौन उपयुक्त नहीं है ?
केरला मसाज़ का उपयोग कुछ विशेष स्थितियों या लोगों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। निम्नलिखित कुछ स्थितियाँ और लोग उनके लिए केरला मसाज़ का उपयोग नहीं कर सकते हैं:
- गर्भावस्था: गर्भवती महिलाओं के लिए केरला मसाज़ का उपयोग करना असुरक्षित हो सकता है, क्योंकि कुछ तकनीकें गर्भावस्था में नुकसान पहुंचा सकती हैं।
- खून की कमी (एनीमिया): खून की कमी वाले व्यक्तियों के लिए केरला मसाज़ का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि इसमें तेलों का प्रयोग होता है जो खून की कमी को बढ़ा सकते हैं।
- चिकित्सक की सलाह बिना: किसी चिकित्सक की सलाह के बिना केरला मसाज़ का उपयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि आपकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर ही इसका उपयोग करना चाहिए।
- चर्म रोग (स्किन इन्फेक्शन): केरला मसाज़ विशेष तरह से तेलों के प्रयोग के कारण चर्म रोग में अधिक संक्रमण का खतरा बढ़ा सकता है।
- उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन): अगर आपका उच्च रक्तचाप है, तो केरला मसाज़ का उपयोग करने से पहले चिकित्सक की सलाह लेना आवश्यक है।
- शरीर में गांठें (ट्यूमर्स): केरला मसाज़ ट्यूमर्स और अन्य शरीर में गांठों के कारण हो सकने वाले और उनके लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है।
- सामान्य बुखार और संक्रमण: यदि आपके पास कोई सामान्य बुखार या बीमारी है, तो केरला मसाज़ का उपयोग करने से पहले चिकित्सक से सलाह लेना उचित होता है।
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